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रविवार, 27 जुलाई 2025

महाराष्ट्र भूमि टुकड़ा बंदी कानून

महाराष्ट्र भूमि टुकड़ा बंदी कानून – नए बदलाव और उसके परिणाम

✍️लेखन तिथि: 27 जुलाई 2025

प्रस्तावना@@@

Maharashtra tukda bandi  kayda

🏨महाराष्ट्र के लाखों नागरिक, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग, कई वर्षों से भूमि टुकड़ा बंदी कानून के कारण परेशान थे। गुंठेवारी प्लॉट (छोटे भूखंड) की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी, कानूनी आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल रही थीं और निर्माण की अनुमति रोकी जा रही थी। आखिरकार सरकार ने 2025 में बड़ा निर्णय लेते हुए "भूमि टुकड़ा बंदी कानून" (Land Fragmentation Act) को रद्द करने की घोषणा की। यह फैसला आम जनता को न्याय देने वाला और ऐतिहासिक माना जा रहा है।

@ क्या है टुकड़ा बंदी कानून?

1947 में लागू हुए इस कानून का उद्देश्य जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े होने से रोकना था, ताकि कृषि की उत्पादकता बनी रहे। इस कानून के अनुसार, निर्धारित सीमा से कम क्षेत्रफल की जमीन को बेचना, बांटना या रजिस्ट्री करना कानूनी नहीं था।

कानून में मुख्य बदलाव (2025)✍️

  • कानून रद्द – शहरी और ग्राम पंचायत सीमा के भीतर टुकड़ा बंदी कानून रद्द।

  • मान्य टुकड़े – 1 जनवरी 2025 से पहले मौजूद सभी टुकड़े वैध।

  • रजिस्ट्री की अनुमति – अब 1 गुंठे जितनी छोटी जमीन की भी रजिस्ट्री संभव।

  • मार्केट प्रीमियम – केवल 5% भुगतान करके रजिस्ट्री संभव।

  • SOP जारी – राजस्व विभाग जल्द ही प्रक्रिया दिशानिर्देश जारी करेगा।

सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ी? 🚨

  1. गुंठेवारी समस्या – लाखों भूखंड रजिस्ट्री से वंचित थे।

  2. कानूनी अड़चनें – आधारभूत सुविधाएं स्थापित नहीं हो पा रही थीं।

  3. शहरीकरण की गति – बढ़ते शहरीकरण के कारण छोटे भूखंड लेन-देन की जरूरत बढ़ी।

  4. आम नागरिक पर असर – छोटे भूखंड खरीदने वाले नागरिकों के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं था।

इस निर्णय के लाभ

👨‍👩‍👦‍👦आम नागरिकों के लिए:

  • अब अपनी जमीन कानूनी रूप से बेच, खरीद और निर्माण कर सकेंगे।

  • घर बनाने के लिए नगर परिषद से अनुमति आसानी से मिलेगी।

  • गुंठेवारी प्लॉट का नियमितीकरण संभव होगा।सरकार के लिए:

  • जमीन पर कर राजस्व बढ़ेगा।

  • अवैध निर्माण पर रोक लगेगी।

  • डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार कम होगा।

• आगामी क्रियान्वयन:-🌟

राज्य सरकार ने एक विशेष 4 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो निम्नलिखित कार्य तय करेगी:

  • SOP (Standard Operating Procedure) जारी करना।

  • भूखंड रजिस्ट्री के लिए शर्तें और नियम तय करना।

  • सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाओं को योजना में शामिल करना।

  • ऑनलाइन रजिस्ट्री और पारदर्शी प्रणाली विकसित करना।

निष्कर्ष ✍️

"टुकड़ा बंदी कानून रद्द" का निर्णय महाराष्ट्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इससे लाखों भूमि धारकों को अधिकार मिलेंगे और शहरीकरण की दिशा में मजबूत कदम उठेगा। हालांकि, क्रियान्वयन में पारदर्शिता, समय पर SOP और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रक्रिया जरूरी है, जिसके लिए नागरिक सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है।


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