✍️आऐ आज बात करते हैं मशरूम फार्मिंग के बारे में बात करते हैं, आखिर क्या हैं,यह मशरूम फार्मिंग इस के बारे में खुलकर बात करते हैं,
आज के समय में पारंपरिक खेती के साथ-साथ नए व्यवसायिक विकल्प भी उपलब्ध हैं। इनमें से एक है मशरूम फार्मिंग। यह एक लाभकारी, पौष्टिक और कम लागत वाला व्यवसाय है। दुनिया भर में मशरूम की बहुत अधिक मांग है और भारत में भी इसकी खेती लगातार बढ़ रही है।
मशरूम खाने में इस्तमाल होणे वाली चीज हैं, मशरूम स्वाद और पोषण इन दोनो के कारण बहुत से डिसेज में यह इस्तमाल होता हैं,
🔵 मशरूम बनाने वाले सब्जी कोणशी हैं,
• सब्ज़ी – मशरूम मटर, मशरूम मसाला, मशरूम करी
• सूप – मशरूम सूप
• स्टार्टर / स्नैक्स – मशरूम टिक्का, मशरूम पकोड़ा, मशरूम रोल
• चाइनीज़ डिशेज़ – मशरूम मंचूरियन, मशरूम नूडल्स, मशरूम फ्राइड राइस
• पास्ता/पिज़्ज़ा – टॉपिंग और फ्लेवर के लिए
• सलाद – कच्चे या हल्के सॉटे करके
🔷क्या हैं यह मशरूम?
मशरूम एक प्रकार का फंगस (Fungus) है जो खाने योग्य होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी और डी, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस व आयरन जैसे खनिज पाए जाते हैं।
• १०० ग्राम मशरूम में लगभग ३-४ ग्राम प्रोटीन होता है।
• इसमें वसा (Fat) बहुत कम होती है, इसलिए यह डायबिटीज़ और वजन नियंत्रित करने वालों के लिए उत्तम है।
🟦 मशरूम के बारे में -:
1. बटन मशरूम (White Button Mushroom) – सबसे लोकप्रिय और ज्यादा खपत वाली किस्म।
2. ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom) – भारत में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली।
3. शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom) – औषधीय गुणों से भरपूर, निर्यात में अधिक मांग।
4. मिल्की मशरूम (Milky Mushroom) – गर्म व आर्द्र जलवायु में उपयुक्त।
🔵 मशरूम की खेती के लिए आवश्यक बातें:-
1. जगह/शेड – साफ, हवादार और नियंत्रित तापमान वाली जगह।
2. तापमान – किस्म के अनुसार १५°C से ३०°C तक।
3. नमी (Humidity) – ७०% से ९०% तक।
4. सबस्ट्रेट (माध्यम) – भूसा, पराली, आरी की बुरादे का उपयोग।
5. बीज (Spawn) – प्रमाणित और रोगमुक्त बीज ही लेना चाहिए।
🔷 मशरूम खेती की विधी क्या हैं?
भूसे/पराली को उबालकर या भाप से साफ करें।
ठंडा होने पर इसमें स्पॉन मिलाकर पॉलिथीन बैग में भरें।
बैग को २०-२५ दिन तक अंधेरे व नियंत्रित तापमान वाली जगह रखें।
लगभग २५-३० दिन बाद मशरूम उगने लगते हैं।
तैयार होने पर उनकी तो
खेती की विधि (संक्षेप में
🔵उत्पादन और मुनाफा
1)१०x१२ फीट की एक छोटी शेड से सालभर में १ से १.५ टन मशरूम तैयार किया जा सकता है।
2)बाजार भाव लगभग १५० से २५० रुपये किलो (किस्म और मौसम के अनुसार)।
3)कुल खर्च कम होने से लगभग ५०% तक शुद्ध लाभ मिलता है।
🔷मशरूम फार्मिंग के मार्केट के बारे में:-
स्थानीय बाजार
होटल और रेस्टोरेंटसु
परमार्केट व मॉल
प्रोसेसिंग यूनिट्स (सूप, पाउडर, अचार)नि
र्यात (ड्राई मशरूम, शिटाके मशरूम)
💫फायदे
✅ कम पूंजी में अधिक लाभ ✅ सालभर खेती संभव ✅ पौष्टिक और औषधीय गुण ✅ कम जगह में व्यवसाय
🟦प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट (processed product)
मशरूम को लंबे समय तक स्टोर और बेचने के लिए इन्हें प्रोसेस करके भी तैयार किया जाता है –
ड्राई मशरूम (Dry Mushroom) – सुखाकर पैक किया जाता है
मशरूम पाउडर – औषधीय और कुकिंग में
मशरूम अचार – खासकर भारत में लोकप्रिय
कैनिंग मशरूम (Canned Mushroom) – डिब्बाबंद मशरूम, सुपरमार्केट में मिलता है
मशरूम चिप्स – कुरकुरे स्नैक्स
@A. औषधीय उपयोग (Medicinal Use)
कुछ किस्मों में औषधीय गुण होते हैं:
शिटाके (Shiitake), रीशी (Reishi), लायन मेन (Lion’s Mane) मशरूम
इनसे इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाइयाँ, सप्लिमेंट्स, हर्बल टी और कैप्सूल्स बनते हैं।
B. अन्य उपयोग-:
कॉस्मेटिक इंडस्ट्री – मशरूम एक्सट्रैक्ट से ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं।
न्यूट्रास्यूटिकल्स – हेल्थ सप्लिमेंट्स, प्रोटीन पाउडर
इस लेख में हमनें मशरूम खेती के बारे आपको बतायें हैं, जो आपकी मशरूम की खेती जाणकारी पूर्ण कर सखे|
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